गठन एवं पंजीकरण।
विश्व मानवाधिकार परिषद एक सामाजिक ट्रस्ट है, जिसका गठन 02 फरवरी 2010 को किया गया। उसके बाद संगठन को अम्लीय जामा पहनाने के लिए ठीक 5 वर्ष बाद दिनांक 02 फरवरी 2015 को भारतीय न्यास अधिनियम 1882 के अन्तर्गत पंजीकृत करा लिया गया। जिसको संयुक्त राष्ट्र संघ के एनजीओ ब्रांच से संबद्धता प्राप्त है यह एक ग़ैर-सरकारी, ग़ैर- राजनैतिक एक राष्ट्रीय संगठन है। हमारा कार्य समाज के लोगों को जागरूक करना और आम जनता के अधिकारों के हो रहे हनन के खिलाफ़ आवाज़ उठाना और समाज फैले भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए शासन-प्रशासन को अवगत करना मुख्य उद्देश्य है। क्योंकि आज हमारे भारतवर्ष ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में मानव अधिकार हनन की घटनाएं निरन्तर बढ़ती जा रही हैं, जिसमें मानव उत्पीड़न, महिला उत्पीड़न, यौन शोषण एवं बाल श्रम जैसी घटनाऐं प्रमुख हैं। जेल में बन्द कैदियों की स्थित दयनीय एवं चिंताजनक है। देश में भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, जातिवाद, धर्मवाद, भाषावाद जैसी समस्याएं दिन पर दिन विकराल रूप धारण करती जा रही हैं। आजादी के 66 वर्ष बीत जाने के बाद आज भी अधिकांश भारतवासी बेहतर शिक्षा, भोजन, स्वास्थ, आवास, शुद्ध पेयजल, न्याय, समानता और विकास जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। हमारे संविधान में जाति, धर्म, वंश मूल, लिंग, अमीरी, गरीबी, शिक्षित-अशिक्षित किसी भी प्रकार का कोई विभेद नहीं किया गया है। संविधान में देश के प्रत्येक व्यक्ति को दैहिक एवं प्राकृतिक स्वतन्त्रता के अधिकार के साथ ही साथ गरिमामय जीवन यापन करने की भावना निहित की गई है। इसको व्यवहारिक रूप से लाने के लिए संविधान में विधायिका, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका की व्यवस्था की गई है। इसी आधार पर हमारे देश का संविधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान माना जाता है।परन्तु विडम्बना यह है कि इसका लाभ आम आदमी को नहीं मिल पा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारतवर्ष के प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय मिल सका है? गांव, मोहल्लों में सफाई नहीं होती, राशन की दुकान में सामान सही से नहीं मिलता, सरकारी दफ्तरों में बिना सुविधा शुल्क के काम नहीं होता, अस्पतालों में दवाईयां नहीं मिलती, डाक्टर,नर्स मरीजों पर ध्यान नहीं देते, सड़के टूटी फूटी हैं, ग्राम-स्तर के अधिकारी से लेकर राजनेता सांसद,विधायक, मंत्री तक ध्यान नहीं देते, गांवों एवं पिछड़े इलाकों में बिजली ठीक से नहीं मिलती। इन सब समस्याओं के निराकरण के लिए हमारा संगठन प्रयासरत है तथा इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु संगठन का गठन किया गया। हमारा कार्य लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। और उनके अधिकारों के संरक्षण हेतु कार्य करना। हम किसी भी सरकारी योजनाओं का संचालन नहीं करते हैं लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने हेतु कार्यो में सहयोग प्रदान करते हैं। जिससे कोई भी व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित न रह जाए ये संगठन की कोशिश रहती है। विश्व मानवाधिकार परिषद संगठन अपने सदस्यों के सहयोग से अपनी गतिविधियां संचालित करता है। अगर आप भी इन गतिविधियों का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आपका स्वागत है आप भी इस शुभ कार्य में सहयोग प्रदान कर सकते हैं। जिसके लिए दान/सहयोग करने वाले व्यक्ति को संगठन की तरफ से रसीद उपलब्ध कराई जायेगी लेकिन रसीद प्राप्त करते समय राष्ट्रीय कार्यालय से संपर्क जरूर किया जाए जिससे सहयोग करने वाला शख्स ठगी का शिकार न हो सके जालसाजों से सावधान रहना बहुत जरूरी है, और अगर आप अपना कार्य किसी व्यक्ति के माध्यम से हमारे कार्यालय भेज रहे हैं तो इस बात का ध्यान रहे कि वह व्यक्ति आपका विश्वस्त हो। किसी भी तरह की जानकारी के लिए संगठन के पदाधिकारियों से सम्पर्क करें जो आपकी निः स्वार्थ भाव से आपकी पूरी मदद करेंगे। जिससे आपकी आवाज को हम अपने संगठन के माध्यम से शासन प्रशासन से लेकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा सके। मानव सेवा ही संगठन का मुख्य उद्देश्य है। आओ हम सब मिलकर मानवाधिकार संरक्षण हेतु विश्व मानवाधिकार परिषद को मजबूत बनाए और अपने अधिकारों की लड़ाई हम खुद लड़े।
जय हिंद जय भारत।